ओला-उबर को चुनौती: कौन ले आया 'भारत टैक्सी'?

ज़ीरो कमीशन टैक्सी! केंद्र सरकार ने लॉन्च की 'भारत टैक्सी'। अब ड्राइवरों को मिलेगी 100% कमाई, यात्रियों को नहीं देना होगा मनमाना किराया। जानिए यह सरकारी सेवा Ola-Uber को कैसे टक्कर देगी।

ओला-उबर को चुनौती: कौन ले आया 'भारत टैक्सी'?

मनमानी खत्म! आ गई 'भारत टैक्सी', ड्राइवर को पूरी कमाई, यात्री को सस्ती राइड

नई दिल्ली: प्राइवेट टैक्सी कंपनियों की मनमानी, महंगे किराए और राइड कैंसिल करने की बढ़ती शिकायतों के बीच केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठा रही है। सरकार ने सहकारी मॉडल पर आधारित एक नई कैब सेवा 'भारत टैक्सी' (Bharat Taxi) शुरू की है, जो ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसी निजी एग्रीगेटर्स के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

ड्राइवरों के लिए बड़ी राहत, पूरी कमाई जेब में

'भारत टैक्सी' की सबसे बड़ी खासियत इसका 'जीरो कमीशन' मॉडल है। निजी कैब सेवाओं में जहां ड्राइवरों की कमाई का 20-30% तक कमीशन के रूप में कट जाता है, वहीं 'भारत टैक्सी' में ड्राइवरों को उनकी राइड का 100% किराया मिलेगा। यह सेवा सदस्यता-आधारित मॉडल पर काम करेगी, जिसमें ड्राइवरों को सिर्फ एक मामूली दैनिक, साप्ताहिक या मासिक शुल्क देना होगा। इससे ड्राइवरों की आय बढ़ेगी और वे अधिक आत्मनिर्भर बन सकेंगे, जिससे वे निजी कंपनियों की बजाय सरकारी सेवा का चुनाव करेंगे।

पारदर्शी और किफायती सफर

यह सरकारी समर्थित प्लेटफॉर्म यात्रियों के लिए भी किफायती और पारदर्शी सफर का वादा करता है। यह सहकारी सेवा यात्रियों को सस्ती दरों पर यात्रा करने का अवसर देगी, क्योंकि इसमें मनमाना किराया (सर्ज़ प्राइसिंग) लागू नहीं होगा।

पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू

शुरुआत: 'भारत टैक्सी' का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरू होगा।

पहले चरण: पहले चरण में लगभग 650 ड्राइवर और उनके वाहन शामिल होंगे।

विस्तार: इसके बाद, दिसंबर से देश के अन्य प्रमुख शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा।

संचालन: इसे सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NeGD) द्वारा मिलकर तैयार किया गया है और इसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड चलाएगा, जिसमें ड्राइवर भी सह-मालिक (Co-owner) होंगे।

'भारत टैक्सी' का उद्देश्य ड्राइवरों को बेहतर आय और यात्रियों को एक भरोसेमंद, पारदर्शी तथा किफायती परिवहन विकल्प प्रदान करके देश के मोबिलिटी इकोसिस्टम को बदलना है। यह पहल देश में सहकारी आंदोलन की भावना को दर्शाती है।