धरती के पास अब दो चाँद! NASA ने किया बड़ा खुलासा
NASA ने पुष्टि की है कि पृथ्वी के पास अब एक नहीं बल्कि दो चाँद हैं। नया अर्ध-चंद्रमा ‘2025 PN7’ अगले 50 वर्षों तक पृथ्वी के साथ रहेगा। जानिए क्या है यह Quasi-Moon और यह हमारे असली चाँद से कैसे अलग है।
नई दिल्ली:
अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया से एक चौंकाने वाली और रोमांचक खबर सामने आई है। अब हमारी पृथ्वी के पास एक नहीं, बल्कि दो 'चाँद' हैं! अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने पुष्टि की है कि पृथ्वी के पास एक नया अंतरिक्षीय साथी मिला है, जो अगले 50 वर्षों तक हमारे ग्रह के साथ रहेगा।
यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि पूरी तरह से वैज्ञानिक सच्चाई है। जिस नए खगोलीय पिंड की खोज हुई है, उसका नाम है 2025 PN7। यह एक छोटा क्षुद्रग्रह (Asteroid) है, जिसे वैज्ञानिकों ने ‘मिनी मून’ या ‘अर्ध-चंद्रमा (Quasi-Moon)’ कहा है।
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क्या है Quasi-Moon?
वैज्ञानिकों के अनुसार, 2025 PN7 वास्तव में हमारे असली चंद्रमा की तरह पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करता, बल्कि यह सूर्य की कक्षा में घूमता है।
अर्ध-चंद्रमा (Quasi-Moon) वे खगोलीय पिंड होते हैं जो पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए प्रतीत होते हैं, लेकिन वास्तव में वे सूर्य के चारों ओर पृथ्वी जैसी ही कक्षा में यात्रा करते हैं।
यह भ्रम इसलिए होता है क्योंकि इनकी गति और दिशा पृथ्वी से काफी मिलती-जुलती होती है।
जब ये पिंड पृथ्वी के साथ सूर्य की परिक्रमा करते हैं, तो इनकी कक्षा का आकार ‘8’ अंक जैसा पैटर्न बनाता है।
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हमारे असली चंद्रमा से कितना अलग?
जहां हमारा प्राकृतिक चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा हुआ है, वहीं Quasi-Moon अपनी स्वतंत्रता बनाए रखता है।
यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से केवल अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होता है।
यह लंबे समय तक पृथ्वी के निकट रहता है, लेकिन पूरी तरह इसकी परिक्रमा नहीं करता।
कुछ दशकों या सदियों बाद यह धीरे-धीरे अंतरिक्ष की गहराइयों में आगे बढ़ जाता है।
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2025 PN7 — 50 वर्षों तक रहेगा पृथ्वी का साथी
वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह छोटा क्षुद्रग्रह लगभग 19 मीटर व्यास का है और इसे अगस्त 2025 में खोजा गया।
यूरो वीकली न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, यह 2025 PN7 पिछले कई दशकों से पृथ्वी की कक्षा के आसपास घूम रहा है और साल 2083 तक पृथ्वी के साथ रहने की संभावना है।
खोज में देरी का कारण: इसका आकार बेहद छोटा और चमक बहुत कम होने के कारण इसे पहले नहीं देखा जा सका।
आगे का सफर: 2083 के बाद यह धीरे-धीरे पृथ्वी की कक्षा से दूर जाकर बाहरी अंतरिक्ष में निकल जाएगा।
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वैज्ञानिकों की नजर लगातार बनी हुई
NASA और अन्य खगोल वैज्ञानिक संस्थाएं इस Quasi-Moon की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही हैं।
वे इसके कक्षीय पैटर्न, स्थायित्व और पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव को लेकर विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं।
इस खोज ने एक बार फिर साबित किया है कि अंतरिक्ष अभी भी अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है, और हमारी पृथ्वी के आसपास भी कई अदृश्य साथी मौजूद हो सकते हैं।
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