क्या भारत और यूके का FTA हो पाएगा साइन !

क्या भारत और यूके का FTA हो पाएगा साइन !

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जयेश कुमार ठाकुर 

25 अक्टूबर 2022 को किंग चार्ल्स III ने ऋषि सुनक को यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया था। सुनक पहले ब्रिटिश-एशियाई, पहले हिंदू और यूके के सबसे कम उम्र के पीएम हैं। सुनक 2 महीने में यूके के तीसरे और 6 साल में 5वें पीएम हैं।
    ब्रिटेन में दो प्रमुख पार्टियां हैं एक कंजरवेटिव पार्टी और दूसरी  लिबरल पार्टी। 2019 में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में बोरिस जॉनसन चुनाव जीते और यूके के पीएम बने। सितंबर 2022 में विवादों और घोटालों में शामिल होने के कारण उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। पार्टीगेट कांड और पिंचर कांड दो बड़े घोटाले थे। इन घोटालों ने कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों को अनिश्चित बना दिया और नेता को बदलने का फैसला किया।
       ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन को बदलने के लिए 5 उम्मीदवार थे। यह आम चुनाव नहीं था क्योंकि पार्टी वही थी, यहा  मामला पार्टी में सत्ता संघर्ष का था। शुरुआत में पेनी मोरडुआन दौड़ में आगे थी लेकिन अंततः वोट लिज़ ट्रस्ट के पक्ष में थे। 6 सितंबर 22 को मैरी एलिजाबेथ ट्रस ने बोरिस जॉनसन की जगह ली। वह अपनी योजनाओं के साथ तैयार थी और आत्मविश्वासी भी। उन्होंने ट्रिकल-डाउन पद्धति से यूके की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा। ट्रिकल-डाउन अर्थशास्त्र उन आर्थिक नीतियों को संदर्भित करता है जो उच्च आय वर्ग , निगमों और पर्याप्त धन या पूंजी वाले व्यक्तियों का पक्ष लेती हैं। मूल रूप से पूर्व पीएम लिज़ ट्रस्ट ने जो किया था, उसने अरबपतियों , सहयोगकर्ताओं आदि को बड़े पैमाने पर कर में कटौती की थी, यह सोचकर कि वे निवेश करेंगे और इससे स्थिति , रोजगार , उत्पादकता और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा । आर्थिक नीति में यह कठोर परिवर्तन ट्रस का विनाशकारी निर्णय था। इस परिवर्तन के कारण मुद्रा का पतन हुआ, यहाँ तक कि ब्रिटेन का विदेशी मुद्रा भंडार भी 200 मिलियन पाउंड से घटकर 80 मिलियन पाउंड रह गया था। इसके बाद ऋषि सुनक डूमस्टर ऋषि सुनक के रूप में ट्रेंड कर रहे थे क्योंकि उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि ट्रस की नीति से मुद्रा का पतन होगा। 

यह बहुत स्पष्ट था कि ट्रस को बर्खास्त किया जा रहा है लेकिन इससे पहले ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने इस्तीफा दे दिया। ब्रेवरमैन ने भारत के खिलाफ बहुत कुछ कहा और भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में भी देरी की, जो अंततः रद्द हो गया। उन्होंने ऐसे काम भी किए जो गैरकानूनी थे। उन्होंने अन्य सांसदों को मेल करने के लिए अपने निजी ईमेल का इस्तेमाल किया। इन सभी गलतीयो ने उन्हें जबरदस्ती इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।
    ब्रेवरमैन के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद ट्रस ने भी इस्तीफा दे दिया।  लिज़ ट्रस की जगह ऋषि सुनक ने ली। यह बिल्कुल स्पष्ट था कि ऋषि वह व्यक्ति होंगे जिन्हें किंग चार्ल्स III द्वारा पीएम के रूप में नियुक्त किया जाएगा। यह कोई छोटी बात नहीं है कि एक भारतीय मूल का व्यक्ति उस देश का पीएम है जिसने सदियों से भारत में उपनिवेश बनाए। कंजर्वेटिव पार्टी का नेता होने के नाते भारत से जड़ें होना बहुत बड़ी बात है क्योंकि कंजरवेटिव पार्टी ब्रिटेन की दक्षिणपंथी पार्टी है।

    सबसे बड़ी विडंबना यह है कि 2020 से यूके ने प्रवासन पर ध्यान केंद्रित किया और यही एकमात्र कारण था कि यूके ने एफ. टी. ए. पर हस्ताक्षर नहीं किए और यहां तक कि ब्रेक्सिट का कारण भी वही था परंतु अक्टूबर 2022 से ऋषि सुनक और सुएला ब्रेवरमैन देश को चला रहे हैं। यही है ना ?

अप्रैल के शुरूआत में आई.एम.एफ. ने ये भविष्यवाणी की है कि 2023 में यूके की अर्थव्यवस्था विकसित देशों में सबसे खराब होगी । इस वक्त ऋषि सुनक ने कम से कम ब्रिटेन को मंदी से बचा लिया है पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था गिरती ही जा रही है। यूके की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए ऋषि सुनक इंडिया से एफटीए साइन करना चाहते हैं ताकि यूके के बिजनेस भारत आ पाए ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को सुधारें। इंडिया और यूके के बीच एफ.टी.ए. का 8वां राउंड चल रहा है।