दादी से मिलने 2800 किलोमीटर पैदल चला 10 साल का बच्चा

दादी से मिलने 2800 किलोमीटर पैदल चला 10 साल का बच्चा

एक तरफ दुनिया कोरोना संक्रमण के चलते घरों में कैद थी तो दूसरी तरफ एक बच्चा अपनी दादी से मिलने के लिए इतना बेताब था कि उसने रेल या हवाई यात्रा शुरू होने का इंतजार भी नहीं किया और इटली से लंदन पैदल चल दिया। सोशल मीडिया पर इस बच्चे की कहानी काफी वायरल हो रही है।

जून में शुरू किया सफर
-दस वर्षीय रोमियो कॉक्स ने 20 जून को पिता फिल के साथ पालेर्मो (इटली) से लंदन के बीच का 2800 किलोमीटर लंबा सफर शुरू किया था। इस दिलचस्प यात्रा के दौरान दोनों इटली, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और ब्रिटेन से होते हुए 21 सितंबर को लंदन पहुंचे। फिलहाल दोनों आइसोलेशन में हैं। पृथक अवधि खत्म होने के बाद ही वे रोमियो की दादी रोजमैरी से मिल सकेंगे।

सोशल मीडिया पर साझा की यात्रा
-इस रोमांचक यात्रा के कुछ लम्हों को रोमियो ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया। रोमियो के अनुसार पिछले तीन महीने में उसने जितनी भी मेहनत की है, वह सफल हो जाएगी जब वो अपनी दादी को गले से लगा लेगा। यात्रा के दौरान उसे कई बार जंगली गधों और अन्य जानवरों का भी सामना करना पड़ा।

दादी से मिले हो गया था साल
-रोमियो ने बताया कि इस सफर में दोनों कई बार रास्ता भटके। मधुमक्खियों के छत्ते के नीचे सो गए, जो अच्छा विचार नहीं था। पैरों की हालत खराब हो गई थी। लेकिन हिम्मत नहीं हारी। जैसे-जैसे हम दादी के नजदीक पहुंच रहे थे, मेरा उन्हें देखने को लेकर उत्साह और भी बढ़ रहा था। मैं जल्द से जल्द उनके गले से लगना चाहता था। हम करीब सालभर बाद मिल रहे हैं। दादी लॉकडाउन के कारण अकेले रहने को मजबूर थीं। 

प्रवासियों की मदद भी था मकसद
-दादी से मिलने के अलावा रोमियो और उनके पिता का एक और मकसद था। वे अपनी इस यात्रा के जरिये प्रवासियों के लिए फंड जुटाना चाहते थे। दोनों ने इस यात्रा से न सिर्फ सबको हैरान किया, बल्कि रिफ्यूजी एजुकेशन एक्रॉस कंफ्लिक्ट्स की मदद करने के लिए 11.4 लाख रुपये की राशि भी जुटाई। रोमियो के पिता का कहना है कि बेटे के साथ बिताया गया यह सफर दोनों के लिए बेहद खास है। इसे वे जिंदगीभर नहीं भूल पाएंगे। 

शरणार्थी बच्चों से हुई दोस्ती
-रोमियो एक साल पहले ही लंदन से पालेमेरो रहने पहुंचा था। उसे वहां के प्रवासी बच्चों ने इतालवी बोलना सिखाया था। कई सारे शरणार्थी बच्चे रोमियो के करीबी मित्र हैं। अपनी इस यात्रा के जरिये इन्हीं दोस्तों के लिए कुछ करना चाहता था।