प्लेन के गुजरने के बाद सफ़ेद लाइन क्यों बनती है?

प्लेन के गुजरने के बाद सफ़ेद लाइन क्यों बनती है?

आसमान में उड़ते जहाज या फिर रॉकेट के बाद आपने एक लंबी सफ़ेद लाइन पे गौर किया होगा. नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक आसमान में बनने वाली सफ़ेद लकीर को कंट्रेल्स कहते है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 1920 में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सबसे पहली बार कंट्रेल्स को देखा गया. दरअसल प्लेन के एक्जॉस्ट से निकलते धुए को एरोसोल्स कहते है. ये एरोसोल्स आसमान में नमी से मिल जाते है. तब बनता है कंट्रेल्स, जिसे आसमान में ज़मीन से एक सफ़ेद बादल की तरह देखा जा सकता है. 

कारण आसमान की नमी होती है जो हमेशा एक सामान नहीं रहती है, जब ये ज्यादा होती है तो तब सफ़ेद लाइन लंबी और साफ़ साफ़ दिखाई देती है पर जब नमी काम होती है तो और आसमान में तामपान अधिक होता है तो हमें कोई लाइन नहीं दिख पाती है. तो ये राज़ है आसमान में हवाईजहाज के पीछे सफ़ेद लकीर दिखने का!